तुमने हमसे पूँछा है
हम विरह गीत क्यूं लिखते हैं ?
उत्तर देंगे मेरे आंसू
जो तुम्हे नहीं दिख सकते हैं
दिल से प्यारी चीज अगर
खो जाने का भय डसता हो
कौन भला होगा जग में
जो इस डर में भी हंसता हो
दिल में दर्द भरा हो तो
ज्ञानी भी मदिरा पीते हैं
तुमने हमसे पूंछा है
हम विरह गीत क्यूं लिखते हैं ?
दिल डरता है साथी जब तुम
दूर कहीं भी जाते हो
साँसें वापस मिल जातीं हैं
जब तुम वापस आते हो
सोंचो तुम ही बिना तुम्हारे
हम कैसे जी सकते हैं
तुमको उत्तर मिल जाएगा
हम विरह गीत क्यूं लिखते हैं ?
अपने दिल से कभी पूंछना
मिले समय तो कभी सोंचना
राज तेरी कविता के अच्चार
क्यूं दिन रात सिसकते हैं
अब मुझसे मत कभी पूंछना
हम विरह गीत क्यूं लिखते हैं ?
"राज"
हम विरह गीत क्यूं लिखते हैं ?
उत्तर देंगे मेरे आंसू
जो तुम्हे नहीं दिख सकते हैं
दिल से प्यारी चीज अगर
खो जाने का भय डसता हो
कौन भला होगा जग में
जो इस डर में भी हंसता हो
दिल में दर्द भरा हो तो
ज्ञानी भी मदिरा पीते हैं
तुमने हमसे पूंछा है
हम विरह गीत क्यूं लिखते हैं ?
दिल डरता है साथी जब तुम
दूर कहीं भी जाते हो
साँसें वापस मिल जातीं हैं
जब तुम वापस आते हो
सोंचो तुम ही बिना तुम्हारे
हम कैसे जी सकते हैं
तुमको उत्तर मिल जाएगा
हम विरह गीत क्यूं लिखते हैं ?
अपने दिल से कभी पूंछना
मिले समय तो कभी सोंचना
राज तेरी कविता के अच्चार
क्यूं दिन रात सिसकते हैं
अब मुझसे मत कभी पूंछना
हम विरह गीत क्यूं लिखते हैं ?
"राज"
No comments:
Post a Comment