तन्हाई से अपना रिश्ता
गम से अपनी यारी है
बनती मिटती बूंदों जैसी
ये तकदीर हमारी हैतन्हाई से अपना रिश्र्ता.................. ...
मै तो वो सपना ठहरा
जो आँख खुली तो टूट गया
लुट ते रहे जहाँ में अब तक
जो आया वो लूट गया
मुरझाने वाले फूलों में
अब तो अपनी बारी हैतन्हाई से अपना रिश्र्ता.................. ...
उनसे थी उम्मीद बहुत
पर उनका रुख कुछ ऐसा है
पल में अपने पल बेगाने
पैमाने के जैसा है
वही दर्द पर दवा वही हैं
ये कैसी बीमारी हैतन्हाई से अपना रिश्र्ता.................. ...
लफ़्ज़ों में हैं सिमटे आंसू
कागज़ पर रो लेते हैं
आँखों में है दर्द सजा
पर होंठो से हँस देते हैं
याद रहेंगे वो लम्हे
जब तन्हा उम्र गुज़री हैतन्हाई से अपना रिश्र्ता.................. ...
बनती मिटती बूंदों जैसी
ये तकदीर हमारी है
"राज"
गम से अपनी यारी है
बनती मिटती बूंदों जैसी
ये तकदीर हमारी हैतन्हाई से अपना रिश्र्ता..................
मै तो वो सपना ठहरा
जो आँख खुली तो टूट गया
लुट ते रहे जहाँ में अब तक
जो आया वो लूट गया
मुरझाने वाले फूलों में
अब तो अपनी बारी हैतन्हाई से अपना रिश्र्ता..................
उनसे थी उम्मीद बहुत
पर उनका रुख कुछ ऐसा है
पल में अपने पल बेगाने
पैमाने के जैसा है
वही दर्द पर दवा वही हैं
ये कैसी बीमारी हैतन्हाई से अपना रिश्र्ता..................
लफ़्ज़ों में हैं सिमटे आंसू
कागज़ पर रो लेते हैं
आँखों में है दर्द सजा
पर होंठो से हँस देते हैं
याद रहेंगे वो लम्हे
जब तन्हा उम्र गुज़री हैतन्हाई से अपना रिश्र्ता..................
बनती मिटती बूंदों जैसी
ये तकदीर हमारी है
"राज"
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