मै भी तेरा हो सकता था ,
तेरे सब दुःख सह सकता था /
पर तूने ये क्या कर डाला ,
ये किसे डाल दी वरमाला ???
जो शीश झुकाए रहता था
जो कभी नहीं कुछ कहता था
वह शीश कलम ही कर डाला
ये किसे डाल दी वरमाला ??
तूफाँ की काली रातों में
जो प्रेम का दीप जलाए था
जो पलक बिछाए राहों में
बस तेरी आस लगाए था
वह जीवन सूना कर डाला
ये किसे डाल दी वरमाला ??
अब शेष नहीं कुछ जीवन में
यह दिल तो एक मरुस्थल है
जब नहीं सीचना था तुमको
ये प्रेम बीज क्यों बो डाला
ये किसे डाल दी वरमाला ??
मै जलता हूँ ये फिक्र नहीं
अब भी तेरी ही चिंता है
कहीं तुझको भस्म न कर डाले
मेरी प्रेम विरह की ये ज्वाला
ये किसे डाल दी वरमाला ??
राज /
तेरे सब दुःख सह सकता था /
पर तूने ये क्या कर डाला ,
ये किसे डाल दी वरमाला ???
जो शीश झुकाए रहता था
जो कभी नहीं कुछ कहता था
वह शीश कलम ही कर डाला
ये किसे डाल दी वरमाला ??
तूफाँ की काली रातों में
जो प्रेम का दीप जलाए था
जो पलक बिछाए राहों में
बस तेरी आस लगाए था
वह जीवन सूना कर डाला
ये किसे डाल दी वरमाला ??
अब शेष नहीं कुछ जीवन में
यह दिल तो एक मरुस्थल है
जब नहीं सीचना था तुमको
ये प्रेम बीज क्यों बो डाला
ये किसे डाल दी वरमाला ??
मै जलता हूँ ये फिक्र नहीं
अब भी तेरी ही चिंता है
कहीं तुझको भस्म न कर डाले
मेरी प्रेम विरह की ये ज्वाला
ये किसे डाल दी वरमाला ??
राज /
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